स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान पहल

योजना:

प्रौद्योगिकी विकास योजना

पृष्ठभूमि:

जनवरी, 2009 में प्रारंभ किए गए इस पहल का उद्देश्य पूर्व-प्रतिस्पर्धी अनुसंधान, उन्मुख अनुसंधान आधारित नवाचार और मानव व संस्थागत विकास के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा की लागत को कम करना है तथा राष्ट्रीय अनुसंधान दक्षता विकसित करना है।

संक्षिप्त विवरण:

सेरी (सीईआरआई) एक पौधशाला की देखरेख करने वाले के समान है जो अधिक से अधिक संख्या में बीजों और पौधों का पोषण करता है और आशा करता है कि एक दिन यह फल देनेवाला पेड़ हो जाएगा। सेरी सौर ऊर्जा के राष्ट्रीय मिशन में एसएंडटी आधारित सफलताओं को बढ़ावा देता है।

लक्ष्य और उद्देश्य:

सेरी की परिकल्पना में शामिल हैं -

  1. अनुसंधान के अंतिम खंड को समर्थन प्रदान करना जहाँ उद्योग जगत में प्रचलित अभ्यास से उन्नत ज्ञान को महत्व प्रदान किया जाता हो
  2. उपयोगकर्त्ता की जरूरत को ध्यान में रखते हुए भारत-केंद्रित नवाचार विकसित करना और जहाँ तक संभव हो शिक्षाविदों और उद्योग जगत के साथ सहयोग स्थापित करना ताकि इन सहयोगों से मूल्य प्राप्त किया जा सके।
  3. स्वच्छ ऊर्जा के लिए आरएंडडी आवश्यकताओँ के अनुरूप शोधकर्त्ताओं को विकसित करना।

कार्यक्षेत्र

पहल के कार्यक्षेत्र में शामिल हैं – सौर उपकरणों, उप-प्रणाली और प्रणालियों के लिए मौलिक अनुसंधान। पहल नये विचारों / अवधारणाओँ के मूल्यांकन का समर्थन करता है ताकि इन उभरती हुई तकनीकों का प्रौद्योगिक उत्पाद के निर्माण में उपयोग किया जा सके।

दबाववाले क्षेत्र

महत्वपूर्ण क्षेत्र -

  1. सौर ऊर्जा सामग्री
  2. सौर ऊर्जा उपकरण (उपयोगकर्त्ता प्रत्यक्ष अनुप्रयोग)
  3. भंडारण उपकरण
  4. ग्रिड से जोड़ने के लिए विद्युत इलेक्ट्रॉनिक्स
  5. सौर ऊर्जा अनुसंधान के लिए क्षमता निर्माण
  6. सौर फोटो वोल्टिक, सौर तापीय, भंडारण, स्मार्ट ऊर्जा ग्रिड और ऊर्जा दक्षता के लिए प्रणालियों / उप-प्रणालियों को विकसित करना
  7. सौर ताप प्रौद्योगिकी समाधान (25 किलोवॉट से 1 मेगावाट)
  8. सौर फोटो वोल्टिक प्रौद्योगिकी समाधान
  9. देश की आवश्यकता के अनुरूप कोई अन्य विषय

कार्यान्वयन दृष्टिकोण:

कार्यान्वयन दृष्टिकोण निम्न है

  1. चुनौतियों की पहचान करना, अनुसंधान की समस्याएं / विषय और विषयगत प्रस्तावों का संग्रह करना
  2. हितधारकों के परामर्श के माध्यम से गतिविधियों का स्वरूप तैयार करना;
  3. मंत्रालयों के साथ मजबूत संबंध के माध्यम से समन्वय का प्रयास करना/li>
  4. देश की वैज्ञानिक ताकत और वैश्विक विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए सशक्त ज्ञान-नेटवर्क का निर्माण करना और समाधान विकसित करना।

लाभार्थी:

गतिविधियों के उद्देश्य के आधार पर, निम्न व्यक्ति / संगठन परियोजना का प्रस्ताव दे सकते हैं : -

  1. सार्वजनिक / निजी / स्वैच्छिक क्षेत्र में कार्य कर रहे शिक्षाविद और वैज्ञानिक, विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में कार्य कर रहे स्वैच्छिक संगठन
  2. अकादमिक और अनुसंधान व विकास संस्थान, उद्यम, विज्ञान व प्रौद्योगिकी परिषद् जैसे राज्य सरकार के निकाय, सौर ऊर्जा के क्षेत्र में कार्य कर रहे स्वायत्त निकाय और
  3. यदि परियोजना गतिविधियों में बहु-विभागीय और बहु-संस्थागत भागीदारी की आवश्यकता है तो इसके लिए व्यक्तियों / संस्थाओं के नेटवर्क का उपयोग किया जा सकता है। ऐसे संभावित विकल्पों में शामिल है – उद्योग जगत / एनजीओ के सहयोग से अकादमी / आरएंडडी संस्थाओं द्वारा किये गये कार्य; आरएंडडी संस्थान / उद्योग जगत / एनजीओ के विभाग, एसएंडटी क्षेत्रीय समूह और स्थानीय पंचायत।

कवरेज क्षेत्र

कार्यक्रम को पूरे देश में लागू करना, इस पहल का लक्ष्य है।

समय सीमा:

सेरी (सीईआरआई) के अन्तर्गत केवल विशिष्ट प्रस्तावों पर ही विचार किया जाएगा। सेरी कार्यक्रम के तहत प्राथमिकता वाले क्षेत्रों और प्रतिबद्धताओं का उल्लेख प्रत्येक वर्ष प्रस्तावों के आमंत्रण में किया जाता है जिसे डीएसटी की वेबसाइट पर अप्रैल महीने में अपलोड किया जाता है। प्रस्ताव दस्तावेज में मूल्यांकन के मानकों और मूल्यांकन प्रक्रिया का उल्लेख होता है। इच्छुक उम्मीदवार आमंत्रण के अनुरूप आवेदन कर सकते हैं। हालांकि जिन परियोजनाओँ को पूर्व में सहयोग प्रदान किया गया है और जिन्हें तार्किक समापन के लिए अगले चरण में भी सहयोग की आवश्यकता है तो ऐसी परियोजनाओँ पर आमंत्रण के कार्यक्षेत्र से पृथक होकर भी विचार किया जा सकता है।

वर्षवार परियोजना सूची
2010-11[PDF]0 bytes 2011-12[PDF]0 bytes 2012-13[PDF]0 bytes 2013-14[PDF]0 bytes
  • विशेष आमंत्रण के तहत ही स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान पहल (सीईआरआई) प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा।

नोट: स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान पहल (सीईआरआई) बहु-विभागीय और बहु-संस्थागत नेटवर्क वाली शोध परियोजनाओं को प्राथमिकता देता है और भागीदारों के बीच समन्वय स्थापित करता है ताकि वैश्विक मानकों के अनुरूप कुशल उपकरणों / प्रणालियों को विकसित किया जा सके। वैज्ञानिक विकास का परिणाम मापने लायक होना चाहिए और इसे स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में तकनीकी विकास का माध्यम बनना चाहिए। परियोजना के तकनीकी उत्पादों में व्यवसाय के सामान्य परिदृश्य को बदलने की क्षमता होनी चाहिए।

     भारत-यूएस कोष अवसर घोषणा (एफओए - 2016)

स्वच्छ कोयला अनुसंधान और विकास (सीसीओआरडी) के लिए प्रस्ताव आमंत्रण

स्वच्छ ऊर्जा भंडारण (एमईएस) – 2018 के लिए सामग्री पर ओरियंटल रिसर्च एंड टेक्नोलोजी डेवलपमेंट प्रस्तावों के लिए आमंत्रण[PDF]125.39 KB  - Application Format[PDF]309.86 KB

 

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें :

डॉ. राजीव शर्मा
वैज्ञानिक-जी / प्रमुख
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग
प्रौद्योगिकी भवन
न्यू महरौली रोड
नई दिल्ली-110 016.
टेली: 011-26590469
ईमेल:rajivdst[at]nic[dot]in

 

प्रौद्योगिकी मिशन सेल जल और सौर ऊर्जा
वैज्ञानिक 'जी' वैज्ञानिक - ई
डॉ. संजय बाजपेयी
वैज्ञानिक 'जी'
प्रौद्योगिकी मिशन सेल जल और सौर ऊर्जा
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग
प्रौद्योगिकी भवन, न्यू महरौली रोड
नई दिल्ली- 110016
टेली : 011-26590283 / 26565337
फैक्स: 011-26510686
ईमेल:sbajpai[at]nic[dot]in
श्री विनीत सैनी
वैज्ञानिक - 'ई'
प्रौद्योगिकी मिशन सेल जल और सौर ऊर्जा
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग
प्रौद्योगिकी भवन
नई दिल्ली-110016
टेलीफोन: 011-26590372
ईमेल:vineet[dot]saini[at]nic[dot]in
वैज्ञानिक 'डी' वैज्ञानिक - 'डी'
डॉ. रंजीथ कृष्ण पै
वैज्ञानिक 'डी'
प्रौद्योगिकी मिशन सेल जल और सौर ऊर्जा
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग
प्रौद्योगिकी भवन, न्यू महरौली रोड
नई दिल्ली- 110016
टेली : 011-26590475
ईमेल:ranjith[dot]krishnapai[at]gov[dot]in
श्री जेबीवी रेड्डी
वैज्ञानिक - 'डी'
प्रौद्योगिकी मिशन सेल जल और सौर ऊर्जा
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग
प्रौद्योगिकी भवन
नई दिल्ली-110016
टेलीफोन : 011-26590328
ईमेल:jbvreddy[at]nic[dot]in