उच्च शिक्षा संस्थानों में एस एंड टी अवसंरचना को बेहतर बनाने के लिए धनराशि (एफ आई एस टी)

हाल के वर्षों में गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्रदान करने और उन्नत अनुसंधान के लिए अवसंरचना की कमी के सम्बन्ध में गहरी चिन्ता व्यक्त की गई है। हालाँकि कुछ विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों ने अपने निजी प्रयासों से शिक्षण व अनुसंधान के विकास के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं। ये संस्थान एक ऐसी स्थिति में पहुँच चुके है जहाँ स्नातकोत्तर शिक्षण व शोध के लिए उनकी अवसंरचना को मजबूत बनाए जाने की आवश्यकता है। अन्य उच्च तकनीकी और मेडिकल संस्थानों को भी अवसंरचना विकसित करने के लिए सहयोग की आवश्यकता है। इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए 2000-2001 में उच्च शिक्षा संस्थानों में एस एंड टी अवसंरचना को बेहतर बनाने के लिए धनराशि (एफ आई एस टी) कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

यह सहयोग 5 वर्षों के लिए किसी विश्वविद्यालय या शैक्षिक संस्थान के स्नातकोत्तर कॉलेज/विभाग/केन्द्र को दिया जाता है। इसके लिए निम्न 4 क्षेत्रों के स्नातकोत्तर शिक्षण तथा अनुसंधान सुविधाओं पर विचार किया जाता है – मूल उपकरण, नेटवर्किंग और कंप्यूटर सुविधा, अनुसंधान, अवसंरचना तथा उपकरण प्रबंधन। यह तीन स्तरों पर संचालित होता है और प्रत्येक स्तर के लिए धनराशि की एक निश्चित सीमा निर्धारित की गई है। यह आमंत्रण आधारित योजना है (वर्ष में एक बार) और प्रतिस्पर्धात्मक सहयोग प्रदान करती है। सामान्यतया प्रत्येक वर्ष के मार्च/अप्रैल महीने में नए प्रस्तावों के लिए विज्ञापन दिए जाते हैं।

उच्च स्तरीय शिक्षण तथा प्रयोगशालाओं के आधुनिकीकरण के लिए आवश्यक मूल उपकरणों हेतु बड़ी संख्या में विभागों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इसके अलावा कुछ बड़ी सुविधाओं के निर्माण के लिए भी सहयोग प्रदान किया जाता है। बड़ी सुविधाओं में शामिल हैं – आयन क्रोमैटोग्राफी सिस्टम, स्वचालित डीएनए सीक्वेन्सर, अल्ट्रा सेन्ट्रीफ्यूजेस, एफ ए सी एस, एलसी-एमएस-एमएस, स्कैनिंग प्रोब माइक्रोस्कोप, ओलिगो न्यूक्लियोटाइड सिंथेसाइजर, एच पी एल सी – सह – एफ पी एल सी, आणविक इमेजिंग प्रणाली, छोटे आकार का द्रव नाइट्रोजन संयंत्र, हाई रिजोल्यूशन पाउडर एक्सरे डिफ्रेकटोमीटर, सिंगल क्रिस्टल एक्सरे डिफ्रेक्टोमीटर, 300 मीटर हर्ट्ज और 400 मीटर हर्ट्ज एफ टी एन एम आर, मास स्पेक्ट्रोमीटर, थर्मल एनालाइजर सिस्टम, प्लाज्मा डिपोजीशन सिस्टम, यूनिवर्सल टेस्टिंग मशीन (यूटीएम) जीसी-एमएस, रमण प्रणाली, इलेक्ट्रान माइक्रोप्रोब एनालाइजर, उच्च क्षमता के माइक्रोस्कोप, प्रोटीन सीक्वेंसिंग प्लेटफार्म, ए एफ एम, स्कैनिंग टनलिंग माइक्रोस्कोप, वैक्यूम मेल्टिंग फरनेस और मास स्पेक्ट्रोमीटर, इंटरनेट का उपयोग करने और कम्प्यूटर सुविधाओं के लिए बड़ी संख्या में विभागों को सहायता प्रदान की गई है ताकि वे अपने विभागों में “केन्द्रीय कम्प्यूटर लैब” स्थापित कर सकें।

सहयोग 5 वर्षों के लिए प्रदान किया जाता है। तीन स्तरों पर सहयोग प्रदान किया जाता है।

स्तर – 0 -

  • अपेक्षाकृत सक्रिय शिक्षण वाले पीजी कॉलेज।
  • शिक्षण सुविधा को बेहतर बनाने के लिए मध्यम स्तर की वित्तीय सहायता।

स्तर – 1 -

  • सक्रिय शिक्षण और शोध वाले विश्वविद्यालय/संस्थान के विभाग।
  • शिक्षण और अनुसंधान सुविधा को बेहतर बनाने के लिए मध्यम स्तर की वित्तीय सहायता।

स्तर – 2 -

  • अच्छी तरह से स्थापित विभाग।
  • आधुनिकतम उपकरण के लिए पर्याप्त वित्तीय सहायता।

 

  • योजना के पूर्ण विवरण के लिए कृपया क्लिक करें (www.fist-dst.org)
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डॉ. ए. मुखोपाध्याय
वैज्ञानिक - जी
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग
प्रौद्योगिकी भवन
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नई दिल्ली-110 016
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